40% GST के दायरे में आने वाले सामान कौन-से हैं?

नई दिल्ली: GST काउंसिल की 56वीं बैठक में कर ढांचे में बड़े सुधारों को लागू किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले से नेक्स्ट-जनरेशन जीएसटी सुधारों की घोषणा करते हुए यह बताया था कि कर प्रणाली को अब और सरल व पारदर्शी बनाया जाएगा। इस नए ढांचे के तहत अधिकांश वस्तुएं और सेवाएं 5% और 18% स्लैब में लाई गई हैं, जबकि कुछ विशेष वस्तुओं और सेवाओं को 40% GST के दायरे में रखा गया है।

40% GST का उद्देश्य

40% GST की उच्च दर केवल उन वस्तुओं और सेवाओं पर लागू की गई है जिन्हें डि-मेरेट गुड्स या सिन गुड्स (Sin Goods) की श्रेणी में रखा जाता है। इन वस्तुओं को सामान्यतः हानिकारक, नशे की लत पैदा करने वाली या अत्यधिक विलासिता से जुड़ी वस्तुएं माना जाता है। इन पर उच्च कर लगाने का उद्देश्य है इनकी खपत को कम करना और सरकार के राजस्व में वृद्धि करना। पहले इन पर 28% तक कर लगाया जाता था, जिसे अब 40% कर दिया गया है।

सिन गुड्स (Sin Goods) क्या हैं?

सिन गुड्स उन वस्तुओं को कहा जाता है जिनका अधिक उपयोग समाज और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। इनमें मुख्य रूप से तंबाकू उत्पाद, अल्कोहल, शक्करयुक्त पेय और विलासिता की गाड़ियां शामिल होती हैं। इन पर कर दर अधिक रखी जाती है ताकि लोग इन्हें कम खरीदें और सरकार इस अतिरिक्त राजस्व को स्वास्थ्य और सामाजिक योजनाओं पर खर्च कर सके।

40% जीएसटी के अंतर्गत आने वाली वस्तुएं और सेवाएं

40% GST निम्नलिखित वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होगा:

  • पान मसाला (Pan Masala): पहले 28% कर योग्य, अब 40%।
  • गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पाद: ज़र्दा, बिना संसाधित तंबाकू, तंबाकू मिश्रण।
  • सिगरेट और सिगार: Cheroots, Cigarillos और Cigarettes।
  • अन्य तंबाकू उत्पाद और विकल्प: Manufactured tobacco, tobacco substitutes, homogenised tobacco, tobacco extracts और essences।
  • निकोटिन युक्त इनहेलिंग उत्पाद: ऐसे उत्पाद जिनमें तंबाकू या निकोटिन होता है और जिन्हें बिना जलाए इनहेल किया जाता है।
  • कार्बोनेटेड पेय और फ्रूट ड्रिंक: Carbonated Beverages of Fruit Drink या Fruit Juice।
  • शक्करयुक्त पेय: Aerated waters जिनमें अतिरिक्त शक्कर या स्वीटनिंग एजेंट शामिल हों।
  • कैफीन युक्त पेय: Caffeinated Beverages और एनर्जी ड्रिंक।
  • लक्ज़री मोटर गाड़ियां: 4000 मिमी से अधिक लंबाई या 1200 सीसी से ऊपर इंजन क्षमता वाली कारें।
  • हाइब्रिड मोटर वाहन: Spark-ignition और Compression-ignition इंजन वाली हाइब्रिड गाड़ियां, जिनकी लंबाई 4000 मिमी से अधिक या इंजन क्षमता 1200 सीसी से ऊपर हो।

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उपभोक्ताओं पर प्रभाव

इन वस्तुओं और सेवाओं पर कर दर बढ़ने से उनकी कीमतों में वृद्धि होगी। तंबाकू उत्पाद जैसे पान मसाला, गुटखा और सिगरेट अब महंगे हो जाएंगे। कार्बोनेटेड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक और कैफीन युक्त पेय की कीमतों में भी वृद्धि होगी। ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ी और लक्ज़री गाड़ियों की कीमतें बढ़ने से इनकी मांग प्रभावित हो सकती है।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि आवश्यक वस्तुओं जैसे दूध, फल, सब्ज़ियां, अनाज और जीवनरक्षक दवाओं को या तो कर मुक्त किया गया है या उन पर दरें घटाई गई हैं। 40% जीएसटी केवल सिन गुड्स या डि-मेरेट गुड्स पर लगाया गया है, जो आवश्यकताओं की श्रेणी से बाहर हैं।

उद्योग पर असर

  • तंबाकू उद्योग: उच्च कर दर से बिक्री पर असर पड़ सकता है।
  • पेय उद्योग: कार्बोनेटेड और एनर्जी ड्रिंक की खपत में कमी आ सकती है।
  • ऑटोमोबाइल उद्योग: लग्ज़री और बड़ी हाइब्रिड गाड़ियों की कीमतें बढ़ने से बिक्री प्रभावित हो सकती है।

40% जीएसटी केवल उन वस्तुओं और सेवाओं पर लागू किया गया है जिन्हें सिन गुड्स या डि-मेरेट गुड्स माना जाता है। इनमें तंबाकू उत्पाद, शक्करयुक्त पेय, कैफीन ड्रिंक और विलासिता की गाड़ियां प्रमुख हैं।

Reference : https://www.pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2163555

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