नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) संरचना में अगली पीढ़ी के बड़े सुधार लागू किए हैं। यह बदलाव जीएसटी लागू होने के बाद का सबसे अहम कदम माना जा रहा है। इन सुधारों का उद्देश्य प्रणाली को और सरल, पारदर्शी और आम आदमी के लिए किफायती बनाना है। 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद घोषित इस नए ढांचे में अब कर व्यवस्था एक 2-दर संरचना पर आधारित होगी — 5% की रियायती दर और 18% की मानक दर, साथ ही विलासिता और पाप (sin) वस्तुओं पर विशेष 40% की डि-मेरिट दर लागू की जाएगी। इसके अतिरिक्त आवश्यक वस्तुओं, जीवनरक्षक दवाओं और महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए व्यापक 0% (मुक्त) श्रेणी बनाई गई है【14†source】।
परिषद ने जोर देकर कहा कि यह पुनर्गठन परिवारों को राहत देगा, महंगाई पर अंकुश लगाएगा और खासकर छोटे एवं मध्यम व्यवसायों को अनुपालन का स्पष्ट रास्ता प्रदान करेगा। नीति निर्माताओं ने इसे “गुड एंड सिंपल टैक्स 2.0” कहा है, जो जीएसटी की मूल अवधारणा के अनुरूप है।
विस्तारित मुख्य छूटें (0% जीएसटी)
छूट की सूची को और व्यापक किया गया है ताकि रोज़मर्रा का जीवन सस्ता हो:
बीमा छूट: सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियाँ (टर्म, एंडोमेंट, यूनिट-लिंक्ड और वरिष्ठ नागरिक योजनाएँ) अब कर मुक्त हैं। इससे प्रीमियम का बोझ कम होगा और बीमा कवरेज बढ़ेगा।
दवाइयाँ:33 जीवनरक्षक दवाएँ जो पहले 12% पर थीं अब पूरी तरह मुक्त कर दी गई हैं। इसके अलावा, कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 अत्यावश्यक दवाएँ 5% से घटाकर शून्य कर दी गई हैं। अन्य दवाओं पर कर 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
खाद्य सामग्री: अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (UHT दूध), पनीर/छेना और सभी प्रकार की भारतीय रोटियाँ जैसे चपाती, रोटी, पराठा, परोट्टा, खाखरा, पिज़्ज़ा ब्रेड अब शून्य पर हैं।
शिक्षा संबंधी सामग्री: कॉपियाँ, ग्राफ बुक्स, लैब नोटबुक्स और मुद्रित नक्शे अब कर मुक्त हैं।
अन्य आवश्यकताएँ: कुछ कृषि उत्पाद, बायोडिग्रेडेबल बैग और मेडिकल वाडिंग उत्पाद भी शून्य श्रेणी में आ गए हैं【14†source】।
5% जीएसटी स्लैब (रियायती दर)
यह स्लैब रोज़मर्रा की वस्तुओं और श्रम-प्रधान उद्योगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है:
खाद्य एवं पेय पदार्थ: नमकीन, भुजिया, सॉस, पास्ता, नूडल्स, चॉकलेट, मांसाहारी संरक्षित उत्पाद, कॉर्नफ्लेक्स, मक्खन, घी, पनीर, खजूर, सूखे मेवे, फलों का रस, नारियल पानी, डायबिटिक फूड, सूप और आइसक्रीम अब केवल 5% पर हैं।
घरेलू एवं व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुएँ: बालों का तेल, शैम्पू, साबुन की टिकिया, टूथपेस्ट, टूथब्रश, मोमबत्तियाँ, रसोई के बर्तन और लकड़ी, पत्थर, पीतल, काँच आदि से बने हस्तशिल्प उत्पाद इस श्रेणी में हैं। साइकिल और पेंसिल शार्पनर भी इसी दर में शामिल हैं।
कृषि और खेती: ट्रैक्टर, मिट्टी तैयार करने की मशीनें, कटाई उपकरण, कम्पोस्टिंग मशीन, सिंचाई स्प्रिंकलर और अन्य कृषि उपकरण अब 5% पर हैं। मानव निर्मित फाइबर और धागे, तथा कुछ उर्वरक जैसे सल्फ्यूरिक और नाइट्रिक एसिड को भी इस श्रेणी में लाया गया है।
स्वास्थ्य उपकरण: डायग्नोस्टिक किट, मेडिकल ऑक्सीजन, पट्टियाँ, गॉज़, ग्लूकोमीटर और मेडिकल रीजेंट्स अब 5% पर हैं, जिससे इलाज की लागत घटेगी।
नवीकरणीय ऊर्जा: सोलर उपकरण, बायोगैस प्लांट, पवन टरबाइन, ज्वारीय ऊर्जा उपकरण और फोटोवोल्टिक सेल्स पर 5% कर लगाया गया है ताकि हरित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिले【14†source】।
18% जीएसटी स्लैब (मानक दर)
यह सबसे व्यापक स्लैब है और इसमें पहले 28% पर आने वाली वस्तुओं को भी शामिल किया गया है:
उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स: एयर कंडीशनर, सभी आकार के टीवी, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, डिशवॉशर, गीजर, मिक्सर, टोस्टर और मोबाइल फोन।
ऑटोमोबाइल्स: छोटी कारें, 350cc तक की मोटरसाइकिलें, बसें, ट्रक और एम्बुलेंस। सभी ऑटो पार्ट्स पर समान रूप से 18% लागू होगा।
निर्माण सामग्री: सीमेंट 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। कोयला, लिग्नाइट और पीट को 5% से बढ़ाकर 18% किया गया है।
सेवाएँ: जिम, योग केंद्र, सैलून और ब्यूटी ट्रीटमेंट जैसी सेवाएँ अब 5% या 18% की दरों पर हैं【14†source】।
40% डि-मेरिट दर
यह दर विलासिता और पाप वस्तुओं के लिए आरक्षित है:
तंबाकू उत्पाद: पान मसाला, गुटखा, बिना संसाधित तंबाकू, सिगरेट और सिगार।
पेय पदार्थ: एरेटेड ड्रिंक्स, कैफिन युक्त पेय, फलों पर आधारित कार्बोनेटेड पेय और फ्लेवर्ड वाटर।
विलासिता वाहन: महंगी कारें, एसयूवी और 350cc से अधिक की मोटरसाइकिलें, साथ ही बड़ी क्षमता वाले कुछ हाइब्रिड वाहन।
बाहर की श्रेणी: मानव उपभोग हेतु शराब अब भी जीएसटी से बाहर है और राज्यों के आबकारी कर के अधीन है【14†source】।
परिवारों और व्यवसायों के लिए राहत
सरकार ने बताया है कि ये सुधार सीधे तौर पर घर-परिवारों को फायदा देंगे:
मध्यवर्गीय परिवार: ₹20,000 सालाना का स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भरने वाले परिवार को अब ₹3,600 की बचत होगी।
स्वास्थ्य खर्च: दवाइयाँ, डायग्नोस्टिक किट और उपकरण सस्ते होंगे।
खाद्य महंगाई नियंत्रण: पैकेज्ड खाद्य वस्तुओं को 5% या शून्य श्रेणी में लाने से रोज़मर्रा के खर्च घटेंगे।
व्यवसाय जगत: सीमेंट, ऑटो पार्ट्स, वस्त्र और कृषि मशीनरी पर कम जीएसटी दरों से उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सुधारों को “दीवाली का तोहफ़ा” बताया, वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये बदलाव न केवल महंगाई पर नियंत्रण करेंगे बल्कि रोजगार बढ़ाएंगे और मांग को प्रोत्साहित करेंगे। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सुधार निर्माण, कृषि, स्वास्थ्य और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में तेज़ विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
एक नज़र में संशोधित जीएसटी दरें
जीएसटी दर
प्रमुख वस्तुएँ
0%
स्वास्थ्य व जीवन बीमा पॉलिसी, UHT दूध, पनीर, भारतीय रोटियाँ (रोटी, पराठा, खाखरा आदि), 33+3 जीवनरक्षक दवाएँ, कॉपियाँ, नक्शे